RBI New Guideline on CIBIL Score:भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सिबिल स्कोर से संबंधित नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ये नियम ग्राहकों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम हैं, जिनसे उनकी क्रेडिट हिस्ट्री को बेहतर तरीके से सुरक्षित रखा जा सकेगा।
नई गाइडलाइन का महत्व
नए नियमों के अनुसार, बैंक अब सीधे ग्राहक की सिबिल हिस्ट्री को खराब नहीं कर सकते। इससे पहले ग्राहकों को सूचित करना अनिवार्य होगा। यह बदलाव ग्राहकों को अपनी क्रेडिट हिस्ट्री को सुधारने का मौका प्रदान करेगा।
प्रमुख नियम और प्रावधान
आरबीआई ने पांच महत्वपूर्ण नियम बनाए हैं। सबसे पहला, क्रेडिट कंपनियों को ग्राहक की सिबिल जांच की सूचना देना अनिवार्य है। दूसरा, किसी भी रिक्वेस्ट को रिजेक्ट करने का कारण स्पष्ट करना होगा। तीसरा, वार्षिक निःशुल्क क्रेडिट रिपोर्ट प्रदान करना आवश्यक है।
शिकायत निवारण प्रक्रिया
नए प्रावधानों के अनुसार, क्रेडिट कंपनियों को 30 दिनों के भीतर ग्राहकों की शिकायतों का निवारण करना होगा। यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो प्रतिदिन 100 रुपये का जुर्माना लगेगा। यह नियम ग्राहकों की शिकायतों के त्वरित समाधान को सुनिश्चित करेगा।
डिफॉल्ट सूचना प्रक्रिया
बैंकों को अब किसी भी ग्राहक को डिफॉल्टर घोषित करने से पहले उसे सूचित करना होगा। यह सूचना ईमेल या एसएमएस के माध्यम से दी जाएगी। इससे ग्राहकों को अपनी स्थिति सुधारने का अवसर मिलेगा।
नोडल अधिकारी की भूमिका
प्रत्येक बैंक और वित्तीय संस्थान को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करना होगा। यह अधिकारी क्रेडिट स्कोर से संबंधित समस्याओं का समाधान करेगा और ग्राहकों की सहायता करेगा।
वार्षिक निःशुल्क रिपोर्ट
क्रेडिट कंपनियों को अब प्रत्येक ग्राहक को वर्ष में एक बार निःशुल्क पूर्ण क्रेडिट रिपोर्ट प्रदान करनी होगी। यह रिपोर्ट कंपनी की वेबसाइट पर आसानी से उपलब्ध होगी।
आरबीआई के ये नए नियम ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इनसे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि ग्राहकों को अपनी क्रेडिट हिस्ट्री को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। ये नियम 2025 से प्रभावी होंगे और वित्तीय क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत करेंगे।