Aadhar Card Big Update: डिजिटल पहचान को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। जिले के डिप्टी कमिश्नर संदीप ऋषि ने बच्चों के आधार कार्ड और बायोमेट्रिक अपडेट को प्राथमिकता देने के लिए विशेष निर्देश जारी किए हैं। यह पहल जनसंख्या पहचान और डिजिटल सेवाओं की पहुंच को बढ़ाने के व्यापक मिशन का हिस्सा है।
जिला स्तरीय पहल
जिला स्तरीय आधार मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। बैठक में यूआईडीएआई के क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ से प्रोजेक्ट मैनेजर मधुर बंसल और सहायक मैनेजर कमल शर्मा भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े। यह बैठक नागरिक सेवाओं को सुगम बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुई।
नवजात बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था
डिप्टी कमिश्नर ने स्वास्थ्य विभाग को विशेष निर्देश दिए हैं कि अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में नवजात से लेकर पांच वर्ष तक के बच्चों के लिए विशेष आधार कार्ड कैंप लगाए जाएं। जन्म पंजीकरण के साथ ही आधार कार्ड की प्रक्रिया को जोड़ने पर विशेष जोर दिया गया है, जिससे माता-पिता को अतिरिक्त परेशानी न हो।
बायोमेट्रिक अपडेट की आवश्यकता
बच्चों के आधार कार्ड में बायोमेट्रिक अपडेट दो महत्वपूर्ण चरणों में आवश्यक है – पांच वर्ष की आयु पूरी होने पर और पंद्रह वर्ष की आयु पूरी होने पर। यह अपडेट बच्चों के विकास के साथ उनकी बायोमेट्रिक जानकारी को अद्यतन करने के लिए जरूरी है। पांच से सात वर्ष और पंद्रह से सत्रह वर्ष की आयु के बच्चों के लिए यह सेवा निःशुल्क उपलब्ध है।
शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका
स्कूलों को इस अभियान में महत्वपूर्ण भागीदार बनाया गया है। स्कूल प्रबंधन को छात्रों के बायोमेट्रिक अपडेट के लिए विशेष केंद्र के रूप में चुना जा सकता है। इससे बड़ी संख्या में बच्चों का आधार अपडेट व्यवस्थित तरीके से किया जा सकेगा। शिक्षा विभाग के साथ समन्वय स्थापित करने पर विशेष जोर दिया गया है।
निःशुल्क अपडेट सुविधा
यूआईडीएआई ने 14 दिसंबर 2024 तक आधार कार्ड से संबंधित दस्तावेजों के निःशुल्क अपडेट की सुविधा प्रदान की है। इसमें मोबाइल नंबर और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों का अपडेट शामिल है। यह सुविधा नागरिकों को आधार से जुड़ी सेवाओं का निर्बाध लाभ उठाने में सहायक होगी।
विभागीय समन्वय
इस पहल की सफलता के लिए विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित किया गया है। डीएफएससी, डीएफपीओ, पोस्टमास्टर और डिप्टी डीईओ सहित कई वरिष्ठ अधिकारी इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। सभी अधिकारियों ने बच्चों के आधार अपडेट को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया है।
भविष्य की योजना
यह पहल न केवल वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा करेगी बल्कि भविष्य में डिजिटल पहचान की मजबूत नींव भी रखेगी। संगरूर जिले की यह पहल अन्य जिलों के लिए एक मॉडल के रूप में काम करेगी, जिससे पूरे देश में बच्चों के आधार अपडेट को बेहतर ढंग से क्रियान्वित किया जा सकेगा।
बच्चों के आधार कार्ड और बायोमेट्रिक अपडेट की यह पहल डिजिटल युग में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में सहायक होगी, बल्कि प्रत्येक बच्चे को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। संगरूर जिले की यह पहल निश्चित रूप से एक सफल मॉडल के रूप में स्थापित होगी।