RBI New Rule On Bank Account:वर्तमान समय में जन धन योजना के कारण लगभग हर नागरिक के पास बैंक खाता है। कई लोगों के पास एक से अधिक बैंक खाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लंबे समय तक खाते में लेनदेन न करने पर वह निष्क्रिय हो सकता है? आरबीआई ने इस संबंध में कुछ महत्वपूर्ण नियम बनाए हैं।
निष्क्रिय खाते का नियम
भारतीय रिज़र्व बैंक के नियमानुसार, यदि किसी बैंक खाते में लगातार 730 दिन (दो वर्ष) तक कोई लेनदेन नहीं होता है, तो वह खाता निष्क्रिय हो जाता है। यह नियम सभी प्रकार के बचत खातों पर लागू होता है। इसलिए नियमित अंतराल पर खाते में कुछ न कुछ लेनदेन करना आवश्यक है।
निष्क्रिय खाते का प्रभाव
खाता निष्क्रिय होने पर खाताधारक किसी भी प्रकार का लेनदेन नहीं कर सकता है। हालांकि, खाते में जमा राशि सुरक्षित रहती है और उस पर नियमित ब्याज भी मिलता रहता है। लेकिन इस राशि का उपयोग तब तक नहीं किया जा सकता, जब तक खाता पुनः सक्रिय न हो जाए।
पुनः सक्रिय करने की प्रक्रिया
निष्क्रिय खाते को पुनः सक्रिय करने के लिए खाताधारक को अपनी बैंक शाखा में जाना होता है। वहां केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करना आवश्यक है। इसमें दो नवीनतम फोटोग्राफ, पैन कार्ड और आधार कार्ड जैसे पहचान दस्तावेज जमा करने होते हैं। संयुक्त खाते के मामले में दोनों खाताधारकों को केवाईसी दस्तावेज जमा करने होते हैं।
महत्वपूर्ण जानकारी
खाता पुनः सक्रिय करवाने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। यहां तक कि यदि निष्क्रिय खाते में कोई न्यूनतम शेष राशि भी नहीं है, तो भी कोई जुर्माना नहीं लगाया जाता है। बैंक ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।
सावधानियां और सुझाव
खाताधारकों को सलाह दी जाती है कि वे नियमित रूप से अपने खातों की निगरानी करें और कम से कम छह महीने में एक बार कोई न कोई लेनदेन अवश्य करें। इससे खाता निष्क्रिय होने की स्थिति नहीं आएगी और वित्तीय लेनदेन सुचारू रूप से जारी रह सकेगा।
बैंक खाते को सक्रिय रखना आज के डिजिटल युग में अत्यंत महत्वपूर्ण है। नियमित लेनदेन न केवल खाते को सक्रिय रखता है, बल्कि विभिन्न बैंकिंग सेवाओं का निर्बाध लाभ लेने में भी सहायक होता है। इसलिए सभी खाताधारकों को आरबीआई के नियमों का पालन करते हुए अपने खातों को सक्रिय रखना चाहिए।