PM Vishwakarma Yojana Toolkit Registration: प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों के विकास के लिए शुरू की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य परंपरागत कारीगरों को आधुनिक प्रशिक्षण और आर्थिक सहायता प्रदान करना है। योजना के तहत कारीगरों को 15,000 रुपये का टूल किट वाउचर दिया जाता है।
योजना का विस्तृत विवरण
इस योजना के अंतर्गत 18 विभिन्न प्रकार के कौशल विकास कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। कारीगरों को न केवल प्रशिक्षण दिया जाता है, बल्कि प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाता है। साथ ही, अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए 15,000 रुपये की सहायता और बड़े स्तर पर काम करने के लिए 5% ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का ऋण भी उपलब्ध कराया जाता है।
टूल किट वाउचर प्रक्रिया
लाभार्थियों को अब मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से 15,000 रुपये का वाउचर कोड प्राप्त हो रहा है। इस वाउचर को एक्टिवेट करके वे अपने काम के लिए आवश्यक उपकरण और सामान खरीद सकते हैं। यह राशि सीधे नगद रूप में नहीं दी जाती, बल्कि सामान खरीदने के लिए वाउचर के रूप में प्रदान की जाती है।
पात्रता और आवश्यक दस्तावेज
योजना में भाग लेने के लिए आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड, सक्रिय मोबाइल नंबर और बैंक खाता शामिल हैं। आवेदकों को आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
पंजीकरण प्रक्रिया
पंजीकरण प्रक्रिया बेहद सरल है। सबसे पहले आवेदक को योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण करना होता है। इसके बाद नजदीकी प्रशिक्षण केंद्र में जाकर प्रशिक्षण प्राप्त करना और प्रमाण पत्र हासिल करना होता है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद लाभार्थी के मोबाइल पर वाउचर कोड भेजा जाता है।
सामान खरीदने की प्रक्रिया
वाउचर प्राप्त करने के बाद लाभार्थी दो तरीकों से सामान खरीद सकते हैं। वे भारतीय डाक विभाग के माध्यम से घर बैठे सामान मंगवा सकते हैं या फिर नजदीकी दुकान से खरीद सकते हैं। हालांकि, दुकान से खरीदने पर जीएसटी बिल अनिवार्य है।
योजना का महत्व
यह योजना परंपरागत कारीगरों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है। इससे न केवल उनके कौशल का विकास होगा, बल्कि वे आधुनिक तकनीकों से भी परिचित होंगे। आर्थिक सहायता से वे अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं और अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक वरदान साबित हो रही है। यह न केवल उनके कौशल विकास में सहायक है, बल्कि उन्हें आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में भी ले जा रही है। पात्र व्यक्तियों को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए और अपने भविष्य को बेहतर बनाना चाहिए।